कोई खामोश मुहब्बत से पुकारे दिल को
अपनी सूरत को ख्वाब में दिखाए दिल को
वो उदासी का नगमा है, गज़ल के जैसी
इश्क के साज़ पे ये दर्द सुनाए दिल को
उसकी यादों से ख़यालें भी जवाँ होते हैं
इस जवानी का अहसास दिलाए दिल को
कब मिलेगी वो दुनिया में, किन गलियों में
कोई एक राह कभी वो बताए दिल को\
-BY satyam
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